परिषद की पहल पर दस साल के सैकड़ों स्कूली बच्चो के एटीएम
खाते खुले
यदि मेरा एक दोस्त अपनी पिगी बैंक (गुल्लक) में
पचास रुपये रखता है और मै किसी बैंक में एकाउंट खोलकर उसमें पचास रुपये जमा करता हूँ
तो साल भर बाद मेरे एकाउंट मे पचपन रुपये हो जाएंगे जबकि मेरे दोस्त की गुल्लक में पचास रुपये ही रहेंगे. ये बात स्कूल स्टुडेंट्स के लिए आयोजित मध्यप्रदेश
के पहले फायनेंशियल लिट्रेसी केम्प (वित्तीय साक्षरता शिविर) में इंदौर के विद्यासागर स्कूल के 6th के एक स्टूडेंट ने कही.
इस वित्तीय साक्षरता शिविर का आयोजन श्री देवी अहिल्या युवा विकास परिषद ने
किया था.विद्यासागर स्कूल में हुए इस शिविर 6th और इसके आगे की क्लास के
सैकड़ों बच्चों ने खूब उत्साह के साथ भाग लिया. इस तरह के किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने का ये उनका पहला अवसर था.शिविर में वित्तीय
विशेषज्ञ के रूप में बैंक ऑफ महाराष्ट्र की बिचोली शाखा की प्रबंधक श्रीमती
चेतना शुक्ला पाण्डेय, बैंक के जोनल ऑफिस के प्रबंधक श्री मुनीष सती और विद्यासागर स्कूल के प्राचार्य श्री
एस.के.जोशी विशेष रूप से उपस्थित थे.
श्रीमती शुक्ला और श्री सती ने बड़े ही रोचक ढंग से बच्चों को
फायनेंशियल लिट्रेसी के मंत्र समझाए. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक बच्चों में
वित्तीय समझ विकसित करने के लिए प्रयास कर रहा है. कार्यक्रम को इंदौर के वरिष्ठ टीवी पत्रकार और परिषद के सदस्य श्री सुबोध खंडेलवाल ने भी संबोधित किया. बच्चों में वित्तीय साक्षरता का विकास
परिवार,समाज और देश के लिए आवश्यक है.बच्चों ने वित्तीय विशेषज्ञों की बातों को
खूब गौर से सुना, उनके द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए और अपने प्रश्न भी उनके सामने रखे. इस कार्यक्रम में विद्यासागर स्कूल के उपप्राचार्य महोदय तथा अन्य शिक्षक भी उपस्थित थे. प्राचार्य श्री श्री एस.के.जोशी ने इस अनूठे शिविर के आयोजन के लिए श्री
देवी अहिल्या युवा विकास परिषद की सराहना की.
परिषद के श्री देव राय और
अरविन्द ओझा ने कहा कि भविष्य में परिषद मध्यप्रदेश के सभी स्कूलों में इस तरह के
शिविर आयोजित करने का प्रयास करेगा. केम्प में स्कूल के लगभग दो सौ बच्चों के
ए.टी.एम खाते खोले गए.